सोमवार, 1 सितंबर 2014

आजाद करेगी ये दुनिया

जरॆ-ए -दिल  में  तुम्हे,

आबाद  करेगी  दुनिया ...

रच  दो  इतिहास,  जिसे 

याद  करेगी  दुनिया ...

ज़माने   में  बंधन  है , वहा 

जिस  जगह  तुम  हो ...

और  कितना  तुम्हे, बर्बाद  करेगी  दुनिया ?

सब्र  करो  बस  ये  ठान  के ...

देखे  कितने  सितम , आजाद  करेगी  ये  दुनिया ....!

स्वाती सिंह

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