जरॆ-ए -दिल में तुम्हे,
आबाद करेगी दुनिया ...
रच दो इतिहास, जिसे
याद करेगी दुनिया ...
ज़माने में बंधन है , वहा
जिस जगह तुम हो ...
और कितना तुम्हे, बर्बाद करेगी दुनिया ?
सब्र करो बस ये ठान के ...
देखे कितने सितम , आजाद करेगी ये दुनिया ....!
स्वाती सिंह
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